Friday 19 February 2016

केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में तिरंगे लगाकर राष्ट्रभक्ति जगाना.."दुर्भाग्यपूर्ण"..!!

"भारत"..सम्पूर्ण  भू-मंडल  पर इस शब्द की एक अपनी अलग ही गरिमा है..एक अलग ही पहचान है।आर्यावर्त,जम्बूदीप,भारतवर्ष,इंडिया,हिन्दुस्तान आदि कई नामो से विख्यात भारत वर्तमान में किसी के पहचान की मोहताज नहीं। लगभग सभी राष्ट्र में भारतवाशी विधमान है तो भारतीय प्रतिभा सम्पूर्ण क्षितिज पर दिन प्रतिदिन अपनी छाप छोर रहा है।
यह वही देश है जहाँ भगवान् राम से लेकर कृष्ण तक हुए थे...भूमंडल का एकमात्र देश जिसके नाम के बाद माँ शब्द लगाया जाता है और जयघोषो में "भारत माता की जय" से वातावरण गुंजित किया जाता है..आजादी की लड़ाई में न जाने कितने योद्धाओ ने अपनी आहुति इसी भारतवर्ष के लिए ही दी थी..कुछ प्रमुख चेहरे जो भारत की गुलामियों से मुक्त कराने हेतु अपनी आहुति दे दिए पुरे देश में उनके नाम का सम्मान है तो वही कितने योद्धा जो बेनाम आजादी की लड़ाई में शहीद हुए उनके प्रति भी देशवासियों को अपार श्रद्धा है।
वर्तमान में एक तरफ यह देश दुनिया के अग्रणी देशो की कतार में कतारबद्ध होने को प्रयासरत है वही 21 वी शदी में भारत में बढ़ रही आंतरिक समस्याएँ इस देश के पिछड़ेपन व् सम्मान को ठेस पहुचाने में कोई कसर नही छोड़ती।
मामला चाहे रोहित बेमुला का हो या प्रकरण JNU का हो...यह राष्ट्रविरोधी हरकते देश को निचे दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ती।
राष्ट्रद्रोहियो को पकड़ने में पुलिसिया तन्त्र जहाँ एक तरफ सजगता दिखा रहा है वही मामला JNU दिन दुनी रात चौगुनी और प्रगाढ़ होते चला जा रहा है...खैर जो भी हो मुझे भारत के न्यायपालिका में पूर्ण विश्वास है की भारत में पल रहे राष्ट्रद्रोहियो को निश्चित तौर पर सजा दी जायेगी..भले ही JNU का मामला पेच पकड़ते जा रहा है लेकिन इस मामला को पूर्ण रूप से सुलझाकर भारतीय न्यायपालिका अवश्य ही अपना फरमान सुनाएगी।
एक तरफ जहाँ JNU प्रकरण की आग में पूरा देश जल रहा है देशद्रोहियो की तलाश में विफलता को लेकर प्रतिदिन जुलुस,प्रदर्शन,धरना,विरोध दिखा कर जनता अपने अंदर जल रहे आग को प्रदर्शित करना चाहती है...इसी बीच एक ब्यान आता है देश की "मानव संसाधन विकास मंत्रालय" की मंत्री महोदया का की 'सभी केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में 207 फिट ऊँचा "तिरंगा" लगाकर परिसर में देशभक्ति जगाई जायेगी..मंत्री महोदया का यह ब्यान मेरे अनुसार आधा तो सहृदय धन्यवाद देने वाला है तो आधा ब्यान "विश्वविद्यालयों में देशभक्ति जगाई जायेगी" मुझे शर्मिंदा करता है.....
क्या भारतवाशीयों में देशभक्तिता इतनी कमजोर हो गयी है की इसे अब जगाने की आवश्यकता है..क्या भारतवाशी पाक जाने लगे है जो उन्हें तिरंगा लगाकर राष्ट्रभक्तिता जगाई जा रही है...क्या विश्वविद्यालयों में राष्ट्रद्रोह का पाठ पढ़ाया जाने लगा है जो राष्ट्रप्रेम की अलख जगाने को तिरंगे का सहारा लेना पड़ रहा है...!!नहीं HRD मंत्री महोदया "भारत" में राष्ट्रभक्तो की कमी नहीं है..उदाहरण पेश करना उचित नहीं समझता हूँ। स्वतंत्रता की लड़ाई वाले गांधी/आजाद/भगतसिंह/लालबहादुर शास्त्री/रानी लक्ष्मीबाई भले ही अभी न हो लेकिन आज भारतवर्ष में भगत सिंहो/आजादों/गांधीवादीयो/रानी लक्ष्मीबाईयों की कमी नहीं है उस वक्त एक भगत थे एक गांधी थे आज लाखो भगत देश पर कुर्बान होने को मौजूद है...लाखो गांधी देश की लड़ाई लड़ने को तत्पर है...लाखो आजाद सिस्टम की बुराइयों को प्रतिदिन निकाल रहे है..तो लाखो रानियाँ लक्ष्मीबाई की तरह प्रतिदिन देश सेवा कर रही है।
Jnu की 2-4 देशविरोधी कीड़ो से आप किसी विश्वविद्यालय में राष्ट्रवाद की भावना को नहीं भाप सकती..ये देशविरोधी कीटाणुओ से आप समूचे देश के राष्ट्रप्रेम को नहीं आँक सकती.."हमारे जहन में भारत बसता है...दिलो में हर समय तिरंगा लहराता है...धड़कने भारत माता की जय बोलती है"...विश्वविद्यालयों में तिरंगा लगाना आपका एक सकारात्मक पहल है जिसका हम तहे दिल से स्वागत करते है अपितु तिरंगे से देशप्रेम की अलख जगाने के बजाए आप उसी तिरंगे के निचे उन देशद्रोही कीटाणुओ को मसलें तो अतिसुन्दर होता..!!
भारत के हर दिल में तिरंगा बसता है...और यह इतना ठोस है की राष्ट्र विरोधी कीटाणुओ से निगला जाने वाला नहीं है...जय हिन्द
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 लेखनी:- विकाश जी
{छात्र:- काशी हिन्दू विश्वविद्यालय}
[संयोजक:- चंपारण छात्र संघ,बिहार]
(सम्पर्क:-7870213118)