Friday 15 April 2016

सम्भावनाओं के 'भारत' में "भारतमाता" कौन..??

भारत सम्भावनाओं का एक देश है सम्पूर्ण विश्व इस प्रगतिशील भारत से सम्भावनाए तलाश रहा है..
सम्भावनाओं का क्षेत्र सिमित नहीं है राजनीत से लेकर आईटी सेक्टर तक..इस देश की प्रतिभा को विदेशी कंपनियाँ भी सम्भावनाओं के तौर पर अपने देश ले जाती है अगर मै ऐसा कहूँ तो तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नही होगी...भारत एक ऐसा देश है जहाँ से विश्व सम्भावनाए तलाश करता है अपितु उन सम्भावनाओं को काश  सम्पूर्ण भारतवाशी समझ पाते तो आज भारत विकाशशील से विकसित देशो की श्रेणी में सम्मलित होता...
वर्तमान में वैश्विक दृष्टिकोण से भारत दिन दुनी रात चौगुनी प्रगति के पथ पर अग्रसर है लेकिन देश की वर्तमान स्थिति JNU मुद्दे...ओवैसी के भारत माता की जय न बोलने व् एक कौम विशेष के अधिकाधिक लोगो का उसको समर्थन देना व् जबरदस्ती भारत माता की जय बुलवाने व् NIT जम्मू काश्मीर में तिरंगा फहराए जाने पर विवाद आदि की जो स्थिति है उसके अनुसार अगर यह कहा जाए की भारत में स्थिति गृह-युद्ध जैसी है तो इसमें भी कोई अतिशयोक्ति नही होनी चाहिए...हालांकि ये मेरे अपने विचार है...
हम भारत में रह कर भारतीय कम हिन्दू..मुसलमान..बिहारी..बंगाली..
हैदराबादी..काश्मीरी ज्यादा है..
हम राष्ट्रवाद को छोर क्षेत्रवाद व् जातिवाद की तरफ दिन दुनी रात चौगुनी बढ़ रहे है जो की भविष्य में भारतीय स्मिता के लिए एक बड़ा व् गहरा झटका हो सकता है...आज देश दिन दुनी रात चौगुनी टूट रहा है..
भारत सरकार U.N.O. में भारत की जगह दिलाने में वयस्त है अपितु देश की वर्तमान हालात देश को गर्त में ढकेले जा रहा इसकी चिंता किसी को नही...सोचीय किसी सच्चे देशभक्त पर उस समय क्या गुजरा होगा जब देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में राष्ट्रविरोधी नारों को अंजाम दिया जा रहा था देश के प्रतिस्थित NIT जम्मू काश्मीर में तिरंगा फहराने पर वहां की स्थानीय पुलिस द्वारा रोका गया व् वहाँ उनपर बर्बरता से लाठियाँ भांजी गयी....
और हद तो तब हो जाती है जब JNU जैसे संवेदनशील मामले में पुलिसिया तन्त्र विफल हो जम्मू काश्मीर nit में तिरंगा फहराने वाले छात्रो पर ही केस दर्ज कर लिया जाता है...क्या यहीं भारत माता का सम्मान है...अगर हाँ तो नहीं चाहिए मुझे ऐसी भारत माता व् नहीं चाहिए उनको ऐसा सम्मान....
          "भारत माता की पहली तस्वीर 1905 में बनाई गयी थी जिनमे उनका स्वरूप कुछ ऐसा था"

और हाँ क्या भारत माता की जय बोलना ही भारतीयता का प्रमाण देना है...शायद मेरे अनुसार भारत माता का हिन्दुकरण किया जा रहा है जो की मुसलमान कौम को पसंद नही है..देश के मुसलमान भारत माता की जय इस लिए नहीं बोलना चाहते क्यकी आज की भारत माता का स्वरूप माँ दुर्गा के स्वरूप से मिलता है मतलब की हिन्दुओ को माँ दुर्गा में भारत माता नजर आती है शेर से त्रिशूल तक सभी माँ दुर्गा का और कहीं हाथ में भगवा तो कहीं तिरंगा RSS के वेबसाइट पर भारत माता के हाथ में भगवा है उस पर जय श्री राम लिखा है मतलब की एक धर्म निरपेक्ष राज्य में भारत माता का हिन्दुकरण हो गया है सो मुसलमानों को यह अच्छा नही लगता इसलिए वे भारत माता की जय बोलने से हिचकिचा रहे...इसके अतिरिक्त मेरे जहन को सदेव से एक सवाल झकझोरता है की ये-
**"भारत माता कौन है..??
**इनका अस्तित्व कहाँ से आया...?
**भारत माता की पहली तस्वीर कैसी थी और उसमे वह कैसी दिखती थी...??
**क्या प्राचीन के भारत माता व् आज के भारत माता में अंतर है...??
**एक देश के लोगो का भारत व् भारत माता के प्रति अनेको मत क्यों है...??
..
..
इन्ही सवालों के साथ विदा दीजिये इस बकवास ब्लॉग को अपना इतना समय देने के लिए हम आपके आभारी है जानता हूँ ब्लॉग पढ़ कर आप किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुचे अपितु सवालों में उलझ कर ही रह गये...ये सवाल/उलझन इसलिए लाया हूँ की इसको खुद सुलझाइये और भारत माता को करीब से जानिये क्युकी भारत माता की जय बोलना या ना बोलना कोई मुद्दा नहीं है मुद्दा यह है की भारत माता कौन है.....
जय हिन्द
..
..
{लेखनी :- विकाश जी}
[संयोजक :- चंपारण छात्र संघ,बिहार]
(छात्र :- काशी हिन्दू विश्वविद्यालय)
< सम्पर्क :- 7870213118/9455944297 >