आज भारत में सैकड़ो राजनितिक पार्टियां है जिसमे कुछ का बजट तो करोरो अरबो का है....ये पार्टिया कैसे चलती है इनको चलने को पैसा कहा से आता है समझ नही आता .....कोई कहता की ये पार्टिया अडानी अम्बानी के पैसो से चलता है तो कोई कहता है की इनको चलने के लिए पैसे विदेशो से कला धन के रूप में आता है....पता नही दाल में कुछ में काला है की पूरी की पूरी दाल काली है खैर जो भी हो नेताओ के पहनावे पोशाक व् पार्टिओ के चुनावी प्रचार का खर्च देखकर मुझे भारत की कुल २ पार्टिओ पर सक होता है की क्यकि ये दोनों पार्टिया गंगा के पैसो से तो नही चल रहे .....जी हाँ सही समझ रहे है आप मैं बात भाजपा और कांग्रेस की ही कर रहा हु इनदोनो पार्टिया गंगा निर्मलीकरण पर पैसा पानी की तरह पैसा बहा रहे है लकिन गंगा बाद से बदत्तर स्थिति में है आप चाहे गंगा को पटना में देखे या फिर बनारस में ,इलाहाबाद को देखे या फिर भागलपुर को हर जगह गंगा अपने अस्तित्व को खोने के कगार पर है लकिन बजट स्तर में हर साल यह शो अप किया जाता है की इस साल गंगा पर इतना खर्च हुआ....आखिर ये पैसे जाते कहा है इन पैसो का कही बंदरबाट तो नही न होता है या फिर अतीत के १५ साल व् वर्तमान की सरकार कही गंगा के पैसो से ही तो नही चल रही न ......ऐसा सोचना लाजमी है क्यकि आज एक एक रैलियों में करोरो खर्च हो रहे आखिर ये पैसे किसके है कहा से आते है ......
जय हिन्द
लेखनी:- विकाश जी
संपर्क सूत्र :-07870213118
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